Saturday, December 8, 2012

अमर चित्र कथा

आपके बचपन को कितनी सारी चीजें नया शेप देती हैं आप उस समय जान भी नहीं पाते। मेरे बचपन की खास बात महाभारत में मेरी रुचि रही है। जब मैं क्लास २ में था तो पापा ने मेरे लिए अमृतलाल नागर की लिखी हुई महाभारत की एक पुस्तक दी थी। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद मैं महाभारत युग से अपना जुड़ाव महसूस करता था। मुझे कुछ चीजें खली भी, मसलन कृष्ण की अचानक एन्ट्री। इस बात से सहज होने में काफी टाइम लगा कि कृष्ण की एन्ट्री महाभारत में जानबूझकर नहीं की गई थी।
                                                                                                         मैं चकित था, फिर भी चाहता था कि कुछ ऐतिहासिक तथ्य मिलें जिससे यह जस्टिफाई हो सके कि महाभारत की लड़ाई हुई थी। उस समय सबसे पापुलर पेपर नवभारत था और हम धमतरी में रहते थे। अचानक फ्रंट पेज में छह कालम में एक खबर छपी, कृष्ण की द्वारिका पुरातात्विक खोज में समुद्र के भीतर मिली।
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महाभारत मुझे हमेशा यह एहसास दिलाता रहा कि केवल वर्तमान ही सच नहीं है और हम अपने भीतर अतीत को भी लिए चल रहे हैं। यह नशा था। मैंने एक रात सपने में कर्ण को देखा। कवच कुण्डल लिए हुए। मैंने जब सपना घर वालों को बताया तो वे पहले हंसे। फिर वे कुछ गर्व से और कुछ हंसी से, हर परिचित को यह घटना बताते रहते।
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इसी बीच पापा के एक मित्र लाखे अंकल के घऱ से मैंने महाभारत की एक पुस्तक लाई। वो सचित्र थी, उसे सचित्र पढ़ना ऐसा अनुभव था जैसे महाभारत का प्रसारण संजय की तरह लाइव देख रहे हों। यह अमर चित्र कथा थी लेकिन मुझे इस बारे में बाद में पता चला।
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फिर यह पत्रिका भी आनी बंद हो गई, इसका नाम भी विस्मृत हो गया, फिर कहीं पता चला कि अमर चित्र कथा अब फिर आने लगी है। उस दिन रायपुर की एक बड़ी किताब दुकान में इसका बड़ा कलेक्शन दिखा। वहाँ एक सेल्स गर्ल थी, उसे मालूम था कि मैं यूँ ही समय व्यतीत करने के लिए इसे देख रहा हूँ। फिर भी उसने बड़े प्रेम से मुझे अन्य पुस्तकों के बारे में बताया जो अच्छी थीं। मुझे अच्छा लगा कि उस लड़की को भले ही साहित्य की सुंदरता की जानकारी भले न हो लेकिन उसे अच्छा लगता है लोगों की मदद करना और उन चीजों को उपलब्ध कराना जिससे संभवतः वे खुश हो सकते हों।
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मुझे लगता है कि हमारी नई पीढ़ी का जीवन रौशन करने के लिए उन्हें छोटा भीम और डोरीमॉन जैसे केरेक्टरों के अलावा हमें पौराणिक नायकों की गाथाओं का अध्ययन कराना चाहिए और ऐसा साहित्य उपलब्ध कराना चाहिए। अगली बार जब हम किसी बच्चे के बर्थडे में जाएं तो कैडबरी देकर उसके दाँत और आदत खराब करने के बजाय उसे अमर चित्र कथा का सेट दें, यह बच्चे के लिए उपयोगी होगा।  फिलहाल मैं ऐतिहासिक नायक समुद्रगुप्त के बारे में इसी कामिक्स से पढ़ रहा हूँ। इसे पढ़ना काफी दिलचस्प है और हमें समुद्रगुप्त के जीवन के अनेक अनछुए पक्षों के बारे में भी बताता है।

1 comment:


आपने इतने धैर्यपूर्वक इसे पढ़ा, इसके लिए आपका हृदय से आभार। जो कुछ लिखा, उसमें आपका मार्गदर्शन सदैव से अपेक्षित रहेगा और अपने लेखन के प्रति मेरे संशय को कुछ कम कर पाएगा। हृदय से धन्यवाद